
आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी कि ‘जब पेड़ बोए बबूल का तो आम कहां से पाए’ इस कहावत में भले ही बबूल को अनुपयोगी या कड़वा बताया गया हो, लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्वाद में कड़वा लगने वाला बबूल हमारे शरीर के लिए औषधि का काम करता है। सदियों से भारत और कई देशों में स्वास्थ्य की द्रष्टि से बबूल का देशी चिकित्सा पद्धति में खासा उपयोग किया जाता आ रहा है। आयुर्वेद की दृष्टि से देखें तो बबूल आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर है। यह एक कटीला वृक्ष होता है। इसकी पत्तियां दिखने में आंवले की पत्तियों जैसी होती हैं। इसके फूल दिखने में गोल और हल्के पीले रंग के होते हैं।
बबूल के पेड़ से एक चिपचिपा पदार्थ निकलता है, जिसे बबूल का गोंद या गुध कहते हैं। बबूल को कई जगहों में बबूर और कीकर के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो बबूल का हर भाग चाहे पत्तियां हो, फूल हो, छाल हो या फिर फली सभी का प्रयोग औषधि के रुप में किया जाता है, लेकिन आज हम आपको बबूल की फली के फायदे के बारे में बताएंगे कि कैसे बबूल की फली हमारे लिए फायदेमंद है। तो चलिए जानते हैं कि क्या हैं बबूल की फली के फायदे।
दांतों के लिए लाभकारी Beneficial to teeth
यूं तो बबूल को दांतों के लिए बहुत ही फायदेमंद कहा जाता है। बबूल के दातून से दांत साफ करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि दांतों के लिए जितना फायदेमंद बबूल का दातुन होता है, उतना ही लाभकारी बबूल का फली भी होता है। बबूल की फली के छिलके और बादाम के छिलके की राख में नमक मिलाकर मंजन करने से दांत का दर्द दूर हो जाता है। इसके अलावा बबूल की छाल, पत्ते, फूल और फलियों को बराबर मात्रा में मिलाकर बनाये गये चूर्ण से मंजन करने से दांतों के रोग दूर हो जाते हैं।
पेशाब ज्यादा होना For High urination
पेशाब बार- बार या ज्यादा आने की समस्या से निजात दिलाने में काफी मददगार साबित होती है बबूल की फली। अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो बबूल की फली का इस्तेमाल आप कर सकते हैं। इसके लिए बबूल की कच्ची फली को छाया में सुखाकर उसे घी में तलकर पाउडर बना लें। इस पाउडर की 3-3 ग्राम मात्रा रोजाना सेवन करने से पेशाब का ज्यादा आना बंद होता है।
खून रोकने के लिए To stop bleeding
कई लोगों के साथ समस्या होती है कि एक बार शरीर से खून निकलने पर उसे रोकना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसके लिए भी बबूल की फली का इस्तेमाल किया जा सकता है। बबूल की फलियां, आम के बौर, मोचरस के पेड़ की छाल और लसोढ़े के बीज को एकसाथ पीस लें और इस मिश्रण को दूध के साथ मिलाकर पीने से खून का बहना बंद हो जाता है। आपको बता दें कि बबूल के कोमल पत्तों को काली मिर्च और शक्कर के साथ पीस-छानकर पिलाने से आमाशय से खून बहना बन्द होता है।
सेक्स पावर बढ़ाने में कारगर Effective in boosting sex power
ये बहुत कम लोग ही जानते हैं कि सेक्स पावर बढ़ाने का आयुर्वेदिक उपाए है बबूल। इरेक्टाइल डिस्फन्क्शन आज के ज़माने में कई पुरुषों की आम समस्या है। ऐसी समस्या से पीड़ित लोगों को बबूल का ये अचूक उपाए तो जरूर अपनाना चाहिए। इसके लिए बबूल की कच्ची फलियों के रस में एक मीटर लंबे और एक मीटर चौडे़ कपड़े को भिगोकर सुखा लें। एक बार सूख जाने पर उसे दुबारा भिगोकर सुखा लेते है। इसी प्रकार इस प्रक्रिया को 14 बार करते हैं। इसके बाद उस कपड़े को 14 भागों में बांट लेते हैं, और रोजाना एक टुकड़े को 250 ग्राम दूध में उबालकर पीने से मर्दाना ताक़त बढ़ती है।
दस्त में फायदेमंद Beneficial in diarrhea
दस्त लग जाने पर हम ना जाने कितने उपाए करते हैं, लेकिन कई बार उन उपायों से भी जल्द राहत नहीं मिलती । एक बार बबूल की फलियों का ये तरीका अपनाकर जरूर देखें। डायरिया की परेशानी से निजात दिलाने में ये काफी कारगर साबित होता है। इसके लिए बबूल की दो फलियां खाकर ऊपर से छाछ यानी कि मट्ठा पीने से अतिसार में लाभ मिलता है।
हड्डी टूटने पर कारगर Effective on broken bone
बबूल की फली हड्डियों की मजबूती के लिए भी काफी अच्छा होता है। हड्डी के टूट जाने पर भी ये काफी फायदेमंद होता है। बबूल के बीजों को पीसकर तीन दिन तक शहद के साथ लेने से टूटी हड्डियों को ये मजबूत बनाता है और जल्द जोड़ने में मदद करता है। इसके अलावा बबूल की फलियों का चूर्ण बनाकर सुबह- शाम रोजाना एक चम्मच इसका सेवन करना भी काफी लाभकारी होता है।
शारीरिक शक्ति प्रदान करता है Provides physical strength
कई लोगों को अक्सर कमजोरी लगने की शिकायत होती है। ऐसे में शरीर को एनर्जी की जरुरत होती है, जो की बार खाने- पीने से भी नहीं पूरी होती। तो ऐसी हालत में आयुर्वेदिक दवाईयों का सहारा लिया जा सकता है। इसके लिए बबूल की फली का इस्तेमाल भी एक अच्छा उपाए है। बबूल की फलियों को छाया में सुखा लें और इसमें बराबर की मात्रा मे मिश्री मिलाकर पीस लेते हैं। इसे एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम नियमित रूप से पानी के साथ सेवन से करने से शारीरिक शक्ति में इज़ाफ़ा होता है और सभी कमज़ोरी वाले रोग दूर हो जाते हैं।
नाहरू रोग में फायदेमंद Beneficial in Nahru Disease
नाहरू रोग धागे जैसे कीट से होने वाला रोग है जो मनुष्य के शरीर में परिपक्व होने के बाद त्वचा को छेदकर भ्रूण छोडनें के लिए बाहर निकल आता है। इस रोग से निदान के लिए भी बबूल की फलियों का इस्तेमाल किया जाता है। बबूल के बीजों को पीसकर गाय के पेशाब के साथ मिलाकर पेट पर लेप करने से नहारू रोग में लाभ मिलता है।
खाने में रुचि बढ़ाता है और पाचन शक्ति को ठीक करता है Increases interest in food
आजकल के बदलते परिवेश की वजह से लोगों की पाचन शक्ति भी कमजोर होती जा रही है। आपने कई लोगों को देखा होगा जिनका खाने में इंटरेस्ट बिल्कुल भी नहीं होता। ऐसे में बबूल की फली भी आपके बहुत काम आ सकती है। बबूल की कोमल फलियों के आचार में सेंधा नमक मिलाकर खाने से भोजन में रूचि बढ़ती है, साथ ही पाचन शक्ति भी अच्छी हो जाती है।
बिस्तर पर पेशाब करना Pee on the bed
कई बच्चों की आदत होती है कि वो थोड़े बड़े होने के बाद भी नींद में बिस्तर पर पेशाब कर देते हैं, इससे निजात दिलाने के लिए आप बबूल की फली का इस्तेमाल जरूर करें। बबूल की कच्ची फलियों को छायामें सुखाकर, घी में भूनकर उसमें मिश्री मिलाकर कर 4-4 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम गर्म दूध के साथ पीने से बिस्तर पर पेशाब करने का रोग ठीक हो जाता है।
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