
बेल खाने के फायदे Bel Khane Ke Fayde In Hindi Language
बेल भारत में होने वाला एक फल का नाम है । इसमें रोगों को नष्ट करने की क्षमता है । इसको बहुत सारे नामों से जाना जाता है | इसमें औषधिय गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते है | आइये जानते है कि घरेलू उपचार में बेल का उपयोग कैसे करें-
गर्भवती की वमन, अतिसार, ज्वर तथा अन्य विकारों में – बेलगिरी 25 ग्राम को चावल के धोवन में पीस, थोड़ी सी शक्कर मिलाकर दिन में 2-3 बार गर्भवती को पीने को दें |
रक्तपित, रक्तातिसार, रक्तार्श – बेल का गूदा 50 ग्राम लेकर चावल के धोवन 200 ग्राम में चीनी या मधु मिलाकर शर्बत बनाएँ और इसका रोगदशानुसार सेवन करें, अवश्य लाभ होगा |
खूनी दस्त तथा आंव शूल – कच्चे बेल का गूदा व गुड़ सम मात्रा में मिलाकर दिन में 2-3 बार रोगी को दें |
पतले दस्त – 1. कच्चे बेल का काढ़ा पीने से पतले दस्त बंद हो जाते हैं |
2. बच्चों के आंव मिले दस्तों में कच्चे बेल को आग में भून-पकाकर उसका गूदा दिन में 3-4 बार देना चाहिए, दस्त बंद हो जायेंगे |
3. पित्त के कारण होने वाले दस्त में बेल का मुरब्बा खाना लाभ करता है |
4. कच्चे बेल का कपड़छन चूर्ण गर्म जल के साथ बच्चों को देने से उनका अतिसार, आमातिसार, रक्तातिसार, अरुचि, पेशाब में चुना आना, मुख की विरसता दूर हो जाती है |
बवासीर – बेल का रस पीने से बवासीर के मस्से सूख जाते हैं और बादी का कष्ट मिट जाता है |
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मलद्वार की वेदना – में कच्चे बेल और सोंठ के काढ़े में दूध मिलाकर लेना चाहिए |
1. बेल अग्निदीपक, संग्रही, पाचक तथा कफ वायुनाशक होने के कारण पाचक यंत्र को निर्दोष बनाये रखता है |
2. बेल समान-वायु की शान्ति की सर्वोत्तम औषध है | अतः इसके सेवन से शरीर में मंदाग्नि, अतिसार, वायुगोला प्रभृति रोग नहीं हो पाते |
3. कामला, सूजन, बेरी-बेरी, प्रमेह, डायबिटीज, मेदे की दुर्गन्ध आदि व्याधियों से मुक्त होने के लिए बेलपत्र का रस पीना चाहिए |
4. बेलपत्र की पुल्टिस बांधने से घाव की शुद्धि हो जाती है और वह सूख जाता है |
सिर दर्द – बेल की सूखी जड़ सिल पर पानी के साथ घिसकर मस्तिष्क पर चन्दन के समान लेप करने से सिर-दर्द पूर्णतः बंद हो जाता है |
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