
आजकल पश्चिमी देशों में महिलाओं में स्तनों का कैंसर बहुत अधिक होता है | इसका कारण उनकी जीवन शैली आज की भागमभाग जीवनशैली है | खानपान का भी काफी प्रभाव होता है | जिस प्रकार आज केमिकल का धुवांधार प्रयोग हो रहा है वे भी इसका कारण बनते हैं |
स्तन कैंसर का कारण Stan Cancer Ke Karan
कुछ चिकित्सकों का विचार है कि स्तनों के कैंसर का कारण उनकी खुराक से भी संबंधित है | उनका मानना है कि वंश परंपरा से भी यह रोग हो सकता है | लम्बे समय तक हार्मोन चिकित्सा के कारण भी स्तनों में कैंसर होने की संभावना रहती है |
स्तन कैंसर के लक्षण Breast Cancer Ke Lakshan
आरम्भ में स्तन के किसी भाग में गांठ सी बन जाती है लेकिन इसमें दर्द नहीं होता | जब यह गांठ कैंसर का फोड़ा बनकर फैलती है तो स्तन की दुग्ध उत्पादक नलियां प्रभावित होती हैं | उस स्थान पर सिकुड़न आ जाती है | यदि फोड़ा फैलता रहे तो सूजन हो जाती है और नीचे की मांसपेशियां भी प्रभावित होती हैं | इसलिए यह आवश्यक है कि प्रारंभ में थोड़ा-सा कष्ट होते ही इसकी जांच करवा ली जाए | जांच में यदि इस गांठ को विषयुक्त पाया जाए तो इसका इलाज ऑपरेशन है | ऑपरेशन द्वारा गांठ निकाल दी जाती है | इससे कैंसर के और अधिक फैलने की संभावना नहीं रहती |
स्तन कैंसर का पता कैसे लगायें Stan Cancer Kaise Hota Hai
जिन महिलाओं को कैंसर की संभावना हो, उन्हें चाहिए कि वे स्वयं अपनी छाती का परीक्षण करती रहें | यह परीक्षण एकांत में शीशे के सामने खड़े होकर निम्न प्रकार किया जा सकता है :
1. शीशे के सामने खड़े होकर दोनों बांहें दोनों बगलों की ओर करके देखें कि स्तन वाले भाग में कुछ भी असामान्य तो दिखाई नहीं देता? यदि एक ओर ऐसा दिखाई दे तो दूसरी ओर भी देखना चाहिए | यह देखना भी आवश्यक है कि त्वचा के रंग में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन तो नहीं हुआ?
2. दोनों हाथ ऊपर उठाकर, सभी ओर से देखना चाहिए कि स्तनों में किसी प्रकार का परिवर्तन और दूध वाले निप्पल से किसी प्रकार का स्राव तो नहीं हो रहा? यदि कुछ भी असामान्य लगे तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें |
कैंसर का घरेलु देसी इलाज Cancer Ka Desi Ilaj In Hindi Language
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