मासिक धर्म सम्बंधी समस्याओं में दूसरी प्रमुख समस्या है कष्ट के साथ मासिक धर्म आना।
कष्टकारी मासिक धर्म का कारण
कष्ट से आने वाले मासिक धर्म का मुख्य कारण यह है कि हार्मोस के अधिक स्राव से गर्भाशय सिकुड़ जाता है और दूषित रक्त के स्रवित होने में बाधा आ जाती है।
कष्टकारी मासिक धर्म के लक्षण
मासिक धर्म से कुछ घंटे पहले तीव्र पीड़ा होना इसका प्रमुख लक्षण है। कभी-कभी रीढ़ में दर्द तथा श्रोणि में भी पीड़ा होती है।
कष्टकारी मासिक धर्म का उपचार
इस समस्या के उपचार के लिए व्यायाम, ध्यान तथा आहार में सब्जियों आदि का अधिक सेवन करना लाभदायक है। पीड़ा निवारण के लिए एस्पिरीन भी ली जा सकती है। समस्या गम्भीर होने पर चिकित्सक से परामर्श करना उचित है। कुछ अन्य प्राकृतिक उपाय नीचे दिये गए हैं।
1) हींग का सेवन स्त्रियों में मासिक धर्म सम्बंधी समस्याएं दूर करने में बहुत सहायक है। 12ग्राम हींग घी में भूनकर 100-125ग्राम बकरी के दूध में शहद मिश्रित कर दिन में दो-तीन बार एक महीने तक सेवन करने से इस समस्या से छुटकारा मिलता है।
2) आधा चम्मच तिल का चूर्ण गरम पानी में दिन में दो बार लेने से इस रोग का उपचार होता है।
3) मूली के बीजों का चूर्ण तीन-चार ग्राम की मात्रा में प्रातः तथा सायं गरम पानी के साथ सेवन करने से कष्ट से होने वाला मासिक धर्म ठीक होता है।
4) बथुए का किसी भी रूप में प्रयोग कष्ट से आने वाले मासिक धर्म में गुणकारी है। यदि मासिक धर्म के दिनों में जांघों में पीड़ा हो तो इन दिनों नित्य नीम के पत्तों का रस छह ग्राम, अदरक का रस 12ग्राम तथा समान मात्रा में जल मिश्रित कर सेवन करने से तुरंत ही पीड़ा में लाभ होता है।
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