
आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान की वह पद्धति है जिसमें अनेको रोगों का उपचार मिलता है. विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा तकनीको को में से एक है आयुर्वेद. सभी चीजों का चयन करने की जरूरत ने आयुर्वेद को कला कहा है. इसका मुख्य उद्देश्य स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना और रोगी के विकारों को दूर करना है. आइए जानें (banslochan powder benefits in hindi) बच्चों के लिए प्रयुक्त आयुर्वेद के प्रमुख नुस्खे….
आयुर्वेद में बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने के लिए नुस्खों के साथ ही उम्र बढ़ने के साथ स्वास्थ्य रक्षा के लिए अनेकों औषधियों का भी वर्णन है. उन्ही में से एक औषधि है – वंश लोचन. vanshlochan khane se kya hota hai
वंश लोचन होता है banslochan kya hota hai
वंश लोचन एक प्रकार का कैल्शियम है, जो बांस के पेड़ से मिलता है. इतिहास के पन्नों को पलट कर देखने पर ज्ञात होता है कि भारत के प्राचीन आदिवासियों ने वंश लोचन की खोज की थी. इसमें भरपूर मात्रा में प्राकृतिक कैल्शियम, सिलिका, आयरन, कार्बोहाइड्रेट व विभिन्न प्रकार के एंजाइम पाए जाते हैं. वंश लोचन के प्रयोग की विधि रोग पर आधारित होती है. इसका वैज्ञानिक नाम “बम्बूसा अरूनदीनेशीआ” है. वात पित्त की उत्तेजना से उत्पन्न दोषों का नाश करने के लिए वंश लोचन लाभदायक होता है. प्राचीन समय से भारत में इसका प्रयोग होता आया है. इसके 2 प्रमुख गुण है – एंटीइंफ्लेमेट्री और एंटी अल्सर.
वंशलोचन के फायदे vanshlochan ke fayde
महावारी के दौरान होने वाले असहनीय दर्द, एनीमिया में वंश लोचन का प्रयोग फायदेमंद होता है. शरीर की धातुओं को बढ़ाने के साथ ही यह वीर्य की मात्रा में भी वृद्धि करता है. शीतल प्रकृति का होने के कारण ही यह शरीर को ठंडक पहुंचाता है. व्यस्कों के लिए वंश लोचन जितना लाभकारी होता है उतना ही बच्चों के लिए फायदेमंद होता है.
- वंश लोचन का चूर्ण बनाकर उसमें एक चौथाई अनुपात में चॉकलेट पाउडर व आधे अनुपात में सिका हुआ सोयाबीन का आटा मिलाकर मिश्रण बना ले. बच्चों को सुबह-शाम इसका 1 चम्मच दूध के साथ देने से उनकी लंबाई तेज गति से बढ़ती है. 17 साल से कम उम्र के बच्चों को वंश लोचन का सेवन करना चाहिए. यह संपूर्ण शारीरिक विकास में सहायक होता है.
- बच्चों के जब दांत निकल रहे हो तब उन्हें शहद के साथ वंश लोचन चटाएं. इससे दांत सुंदर आते हैं और दर्द भी नहीं होता.
- वंश लोचन के चूर्ण में शहद मिलाकर गोलियां बना ले. जिन बच्चों को मिट्टी खाने की आदत हो उन्हें रोजाना 2 गोलियां दे. इससे मिट्टी खाने की आदत छूट जाती है.
- समान मात्रा में वंश लोचन तथा गुग्गल ले. इसमें एक चौथाई मात्रा में शतावरी चूर्ण मिला लें” गर्भवती स्त्री को दूध के साथ इस मिश्रण का सेवन कराने से कैल्शियम व आयरन की पूर्ति होती है. गर्भधारण से बच्चा होने तक नियमित रूप से यह मिश्रण लेने से बच्चा स्वस्थ व सुंदर होता है तथा स्त्री की कमर व पेट का फैलाव भी नहीं होता है.
- 120 मिलीग्राम वंश लोचन का चूर्ण शहद मिलाकर बच्चों को चटाने से खांसी में लाभ होता है.
- सुबह शाम दूध के साथ 120 मिलीग्राम वंश लोचन का सेवन करना बच्चे के यकृत के लिए लाभदायक होता है.
सावधानी :
- पथरी होने पर वंश लोचन का प्रयोग न करें.
- कैल्शियम की अधिक मात्रा होने के कारण सिर दर्द और शरीर में भारीपन महसूस हो सकता है.
चिकित्सकीय परामर्श के पश्चात ही यह प्रयोग अपनाएं.
तत्व | मात्रा | उपयोग |
सिलिका | 44% | हड्डियों व मस्तिष्क के लिए महत्वपूर्ण रसायन जो कि ग्रंथियों द्वारा स्त्रावित हॉर्मोनों की रफ्तार बढ़ाता है |
पोटाश | 12% | हड्डियों को लचीला बनाता है |
कैल्शियम | 17% | हड्डियों को मजबूत बनाता है |
आयरन | 07% | शरीर में खून की कमी की पूर्ति करता है |
अन्य तत्व व एंजाइम | 20% | शरीर में पोषक तत्वों की पूर्ति तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना, आदि |
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